Portfolio Meaning in Hindi| Portfolio कितने प्रकार होते है?
आज हम बात करने वाले है Portfolio Meaning in Hindi, Portfolio क्या है? क्योंकि बहुत बार हम लोग सुनते है ये Portfolio के बारे में. लेकिन Portfolio Meaning in Hindi के बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण हम लोगो के मन में Portfolio को लेकर बहुत सारा Question रह जाता है. की आखिर ये Portfolio क्या है? किस काम में लगता है? कैसे बनाया जाता है? अदि.
दोस्तों आमतौर पर Portfolio बहुत तरह के होते है. जैसे किसी Student का Portfolio हो सकता है, किसी modern य actor का या फिर किसी Individual/Non-Individual का भी Portfolio हो सकता है,जिसे हम लोग Financial Portfolio भी कहते है.
तो आज हम लोग हमारे इस Article Portfolio Meaning in Hindi में Financial Portfolio के बारे में विस्तार में जानेंगे.
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Portfolio Meaning in Hindi

दोस्तों जैसे आपको पता होगा की Portfolio एक English शब्द है. लेकिन मेरे हिसाब से Portfolio को हिंदी में कहा जाये तो इसका मतलब है विशेष तरह की जानकारी का संग्रह. मतलब collection of some specific information.
जैसे किसी Individual का Portfolio अगर देखा जाये तो उसमे उस ब्यक्ति का नाम, पिता का नाम. Address उसके पुरे qualification का details रहता है.
या फिर किसी Modern या Actor का Portfolio में रहता है उसका कुछ photos, उसका काम (Profession) का details और family bag ground जिसको उस Modern या Actor का Portfolio कहा जाता है.
ठीक इसी तरह से Financial Portfolio भी होता है जिसका मतलब होता है किसी भी Individual य Non-Individual का पूरा Investment details और investment किये गए पैसो का सही जानकारी और planning होना. जिसको हमलोग हमारा Portfolio कहते है.
Investment Portfolio क्या है?
मानलेते है की Mr. Ashok का कोई Investment है जैसे Bank FD, Insurance, Mutual Fund या Stocks, जब उस सब को एक जगह पर लेकर Total करते है, तो उसे Mr. Ashok का Investment Portfolio कहते है. जैसे अगर आपका अलग अलग Mutual Fund Scheme में Investment है, तो सरे investment की total को Mutual Fund Portfolio कहा जाता है.
ठीक उसी तरह से किसी भी Individual का Insurance या Stocks का अलग अलग portfolio भी हो सकता है.
लेकिन आज के इस Topic Portfolio Meaning in Hindi में हम लोग Investment Portfolio के बारे में बात करेंगे और इसको details में जानेंगे.
एक आसान सा Example से समझते है Investment Portfolio क्या है? मानलेते है Mr. Ashok का Bank FD है 5 लाख रूपये का, Mutual Fund है 8 लाख का, Stocks है 2 लाख का, Insurance है 3 लाख का, और Gold Investment है 4 लाख का.
अभी अगर इस सब Investment का Total निकाला जाये तो होता है 5+8+2+3+4=22 लाख. मतलब ये 22 लाख हुआ Mr. Ashok का Investment Portfolio.
Portfolio कैसे बनता है?
कोई भी Individual का Portfolio उसका Life Goals और risk appetite के ऊपर base करके बनाया जाता है. जो Portfolio Investor खुद manage कर सकता है, या फिर किसी professional manager से भी करवा सकता है. Investor आपने Goals के हिसाब से अपना portfolio बना सकते है.
जैसे अगर किसी का कोई Short Term Goals है तो उसे Defensive portfolio बनाना चाहिए. और Goals Long Term होने पर उसे Aggressive portfolio बनाना चाहिए.
Portfolio कितने प्रकार होते है?
जैसे हमलोगो को पता है की कोई भी Investor का Portfolio उसका Goals और risk appetite के ऊपर base करके बनाया जाता है, इसलिए हम लोग आगे कुछ Ideal portfolio के बारे में जानेंगे. की हमलोग कितने तरह के portfolio बना सकते है.
Hybrid Portfolio:
Hybrid Portfolio को Balanced Portfolio भी कहा जाता है.एक Hybrid Portfolio आमतौर पर एक Diversified Portfolio होता है, जहां पर Investor Equity के साथ साथ Gold, Real Estate, Bonds का भी allocation रख सकता है. क्यों की Hybrid Portfolio एक Balanced Approach होता है, इसी लिए यहाँ पर Equity के साथ साथ अन्य asset class को भी रखा जाता है.
Aggressive Portfolio:
Aggressive Portfolio आमतौर पर लंबी अवधि का Portfolio होता है. और इस Portfolio का असली मकसद होता है लम्बे समय के लिए अच्छा Income generate करना. इसिलिये Aggressive Portfolio में अधिक Investment Equity में होना चाहिए.
क्योंकि Equity Investment में risk ज्यादा होने के साथ साथ long term में return भी ज्यादा होता है. और अगर किसी का कोई long term goal है तो उसे Aggressive Portfolio ही बनाना चाहिए.
Defensive Portfolio:
Defensive Portfolio को सबसे safe portfolio माना जाता है. अगर आपका कोई short term goal है,और आप कोई risk भी नहीं लेना चाहते हो तो आपको Defensive Portfolio बनाना चाहिए. जिससे आपका allocation होना चाहिए सबसे ज्यादा fixed instrument में. जैसे Bonds हो गया, या फिर Bank fixed deposit, या फिर money market instrument में. जहाँ पर आपको छोटे आबादी में return भी मिले और risk भी कम रहे.
Portfolio में कोण कोण सा Factor काम करता है?
कोई भी Financial Portfolio में सिर्फ दो ही factor काम करता है. पहला है Risk Appetite (जोखिम लेने की क्षमता) और दूसरा है Time Horizon (समय). चलिए ये दो Factor को थोरा Details में जानते है.
- Risk Appetite (जोखिम लेने की क्षमता)
किसी भी Portfolio में Risk Appetite बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. क्योंकि अगर आपका जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) ठीक नहीं है तो आपका Financial Portfolio कभी भी सही नहीं हो सकता.
कोई भी Portfolio बनने से पहले आपको खुद का Risk Appetite समझना जरुरी है. मान लेते है अगर आपका Risk लेने की क्षमता है 5 साल का, लेकिन आपने 15 साल के लिए किसी risky asset class (Equity) में आपना Investment करते हो तो आपका पूरा portfolio ख़राब हो सकता है. और साथ ही साथ आपका लक्ष्य (Goal) भी बिगड़ सकता है.
- Time Horizon (समय)
हर Financial Portfolio में Time Horizon भी बहुत important role play करता है. जैसे अगर आपको 5 साल बाद एक घर बनाना है, और आप उसके लिए Investment करना चाहते हो. लेकिन आपने गलती से 20 साल के लिए किसी Long term asset class में investment करके आपना portfolio बनाते हो तो ये गलत होगा.
और आप आपके लक्ष्य (Goal) मेँ time पर नहीं पहुंच पाएंगे. इसी लिए समय (Time Horizon) किसी भी Portfolio में बहुत ही important होता है.
एक अच्छा Portfolio कैसे बनायें?
अगर आप एक अच्छा Portfolio बनाना चाहते हो तो आपको चार चीजों पर ध्यान रखना होगा. पहला है Diversification, दूसरा Regular Investment, तीसरा Minimize investment cost और चौथा है finding opportunities.
Diversification: अगर आप Share Market या Mutual Fund मे investment करते हो तो ये ध्यान रखिये की आपका investment किसी एक sector या एक जैसे scheme में न हो. एक अच्छा portfolio में investment हमेशा diversified होना चाहिए. मतलब अलग अलग sector या scheme मेँ investment को फैलाना चाहिए.
क्योंकि अगर किसी एक या दो Sector या फिर कुछ Scheme घाटे (Loss) में जाती है तो आपको दुषरे किसी Sector या Scheme से मुनाफा मिल पाए. और आपके portfolio में return मिलता रहे.
Regular Investment: इसका मतलब है निवेश में Continuation होना. ताकि आपका investment छोटा हो फिर भी investment होता रहे. जैसे अगर आप SIP (Systematic Investment Plan) करते हो तो आपका एक छोटा छोटा amount market में invest होता रहता है. जिसका long term में बहुत अच्छा फयदा मिलता है.
साथ ही साथ आपको Equity Market मेँ price को average करने का मौका भी मिलता जाता है. और portfolio भी अच्छा रहता है.
Minimize investment cost: किसी भी Investment में investment cost एक बहुत बड़ा factor होता है, क्योंकि आपका investment cost जितना ज्यादा होगा आपका return उतना ही कम होगा. मतलब investment cost सीधा सीधा return में effect पड़ता है. इसलिए हर investment से पहले investment cost के बारे में planning करना जरुरी है.
और साथ ही साथ investment cost को जितना हो सके कम करने की कौशिश करनी चाहिए. क्योंकि आपका investment cost जितना कम होता future में आपका return उतना ही बढ़ेगा. और ये आपके portfolio लिए भी अच्छा होगा.
Finding Opportunities: एक अच्छा portfolio manage करने के लिए आपको हमेशा एक अच्छा मौके की तलाश में रहना चाहिए. क्योंकि एक अच्छा portfolio में हर asset class का allocation रहता है, चाहे वह equity हो या debt.
और ये तो सभी को पता है कि market कई बार खरीदने का अवसर (buying opportunities) देती है. जब आपको equity share बहुत सस्ता मिलता है. और इसीलिए अगर सही समय पर अच्छे stock पर investment किया जाये तो portfolio भी अच्छा बनता है.
इस लिए एक अच्छा portfolio के लिए खरीदने का अवसर (buying opportunities) को पहचानना भी महत्वपूर्ण होता है.
All about Portfolio Meaning in Hindi
दोस्तों उम्मीद करता हु की आपको आज का ये topic Portfolio Meaning in Hindi अच्छा लगा होगा और कुछ नया सीखने को भी मिला होगा. क्योंकि आज हम लोगो ने Portfolio Meaning in Hindi Portfolio क्या है? के साथ साथ Investment Portfolio क्या है?Portfolio कितने प्रकार होते है? Portfolio कैसे बनता है? और एक अच्छा Portfolio कैसे बनायें? के बारे में जानकारी लिए है.
फिर भी अगर आपको Portfolio Meaning in Hindi से संबंधित और भी कुछ जानकारी चाहिए तो आप comment करके पूछ सकते हो.
धन्यवाद!