What is fiscal deficit in Hindi?| Fiscal deficit क्या है?

नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने बाले है What is fiscal deficit in Hindi? Fiscal deficit क्या है? कैसे हिसाब की जाती है? और इसका हमारे economy में क्या प्रभाब है? ये Fiscal deficit, Primary deficit और Revenue deficit शब्द आपने कई बार सुने होंगे अखबारों में या News channel में. हो सकता है के आपके मन में fiscal deficit को लेकर कई सारे question हो कि आखिर ये क्या है? और इससे हमारा क्या लेना देना कयोकि कई बार ये शब्द बहुत सुर्खियों में रहता है.

हर country के लिए fiscal deficit बहुत important एक चीज़ है. आप ने देखें होंगे हर साल financial budget में इसको लेकर के बहुत चर्चे होता है. आप को पता होगा की हर economy क़ि financial condition से इस का बहुत गहरा संमंध है. आज हम लोग इस Article में fiscal deficit, Primary deficit और Revenue deficit से related सारे बातों को discuss करेंगे.

पहले हम लोग जानेंगे Fiscal deficit meaning in Hindi? उसके बाद हम लोग What is fiscal deficit in Hindi? और बाकि के चीज़ो के बारे में जानेंगे.

Fiscal deficit meaning in Hindi?

Fiscal मतलब राजकोष या राजकोषीय, और deficit का मतलब है घाटा. इसका हिंदी में मतलब हुआ राजकोषीय घाटा. यानिकि Fiscal deficit का सीधा सीधा मतलब है राजकोषीय घाटा.

What is fiscal deficit in Hindi?

What is fiscal deficit in Hindi?
What is fiscal deficit in Hindi?

चलिये दोस्तों Start करते है आज का हमारा topic What is fiscal deficit in Hindi?

Fiscal deficit एक अंतर है सरकार का Total income (सारे उधार को छोड़कर )और Total खर्चे के बीच. किसी भी Country में Fiscal deficit का स्थिति तब होता है जब country की पुरे साल का खर्चा उस country की पुरे साल की income से ज्यादा हो जाये. और ये जो fiscal deficit का हिसाब है ये Country की पुरे साल का खर्चा और GDP (Gross domestic product) का average निकल के किया जाता है.

अगर Country का fiscal deficit ज्यादा हो रहा है. मतलब Country income से ज्यादा खर्चा कर रहा है. जो किसी भी country की economy के लिए ख़राब होता है. और इससे सबसे ज्यादा असर होता है Inflation के ऊपर.

Fiscal deficit का हिसाब कैसे होता है?

जैसे हम लोग पहले ही जान चुके की fiscal deficit का हिसाब किया जाता है सरकार के पास पूरे साल में जितना fund collection होता है, उससे खर्चे को minus करके निकाला जाता है. मतलब सरकार का income से खर्चा ज्यादा होने पर fiscal deficit होता है. लेकिन ये सोचने की बात है की आखिर सरकार का income और खर्चा किन किन चीज़ों से होता है?

सरकार का Income होती है दो तरह के revenue collection से. पहला है Tax revenue और दूसरा है Non-tax revenue.

Tax revenues जहाँ से सरकार का Income होता है.

  • Income Tax
  • Corporation Tax (निगम कर)
  • Custom Duties (सीमा शुल्क)
  • Union Excise Duties (केंद्रीय उत्पाद शुल्क)
  • GST (Goods and Services Tax)

Non-tax revenues जहाँ से सरकार का Income होता है.

  • Interest Receipts (ब्याज प्राप्तियां)
  • Dividends और Profits
  • External Grants (बाहरी अनुदान)
  • Disinvestment (सरकार का asset बेच देना)
  • दूसरे non-tax revenues
  • Receipts of union territories

ये हो गया वह सब जगह, जहाँ से सरकार Income करता है.

अभी हम देखेंगे की सरकार का खर्चा किन किन चीज़ों पर होता है.

  • Revenue व्यय
  • Capital व्यय (जैसे Infrastructure व्यय, Roads बनाना, Airport बनाना अदि)
  • Interest Payments
  • Subsidy (अनुदान)
  • Other खर्चा

Formula of Fiscal deficit | Fiscal deficit की गणना कैसे की जाती है?

राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) = सरकार का Total खर्चासरकार का Total Income.

मान लिया जाए किसी साल सरकार की Budget में कहा गया है कि उस साल सरकार का Income होगा 100 रूपया. और खर्चा होने वाला है 110 रूपया मतलब 10% का Fiscal deficit होगा. लेकिन जब Fiscal deficit का final data आता है, तो देखा जाता है कि असल में खर्चा 120 रूपया हुआ मतलब उम्मीद से जायदा हुआ. यानि कि Fiscal Deficit बर गया.

देखा जाता है की अगर Fiscal Deficit बढ़ेगा तो GDP भी कम होगी. क्योंकि अगर सरकार का आमदनी कम होदा तो इसका साफ साफ मतलब है की सरकार production भी कम ही करेगी. इसी लिए Fiscal Deficit बढ़ने से GDP rate घटती है. और GDP बढ़ने से Fiscal Deficit control होता है.

Fiscal Deficit का कारण क्या है?

आमतौर पर Fiscal Deficit दो कारणों से बढ़ सकता है. पहला है सरकार का Revenue collection (आमदनी) कम होना. और दुशरा है खर्चा ज्यादा होना.

कई बार क्या होता है कि सरकार कुछ कामों में ज्यादा खर्चा कर देती है. जैसे Rods, electricity dam, airport, railways बानाना या किशनो को ज्यादा अनुदान दे देना इत्यादि. जिस काम का फायदे सरकार को तुरंत तो नहीं मिलता है. लेकिन country की growth के लिये जरुरत होती है.

और कई बार सरकार का revenue collection उम्मीद से कम होती है. जैसे अगर आप देखेंगे कि ये COVID-19 के time पर सब कुछ बंद होने के कारन सरकार को Tax collection कम होरहा है. ये भी एक बड़ा कारण है Fiscal Deficit की.

Fiscal Deficit को सरकार कैसे कम करती है?

सरकार Fiscal Deficit को कम या control करने के लिए उधार (Loan) लेता है. तकि Loan के पैसे से Deficit कम किया जा सके.

Primary deficit क्या है?

जैसे हम लोगो ने जाना कि सरकार हर साल Fiscal Deficit को Control करने के लिए उधार (Loan) लेता है.

मानके चलिए financial year 2019-2020 में fiscal Deficit था 1000 रुपये का तो सरकार ने पिछले साल 500 रुपये का उधार (Loan) लिया था. तो उस उधार (Loan) को चुकाने के लिए सरकार को principal amount के साथ साथ loan का interest भी देना पड़ेगा. तो मन के चलते है की सरकार हर साल लिये गए Loan का interest देता है 10 रूपया.

तो इस financial year 2020-2021 का जो Budget होगा उसमे सरकार का जो total खर्चे का हिसाब होगा उसमे लिये गये Loan का जो Interest amount था 10 रूपया वह भी शामिल होगा. मतलब पिछले साल लिये गये Loan की Interest amount को जब इस साल का कुल Fiscal Deficit से अलग किया जाये गा तो वह amount या % होगा Primary deficit.

Revenue deficit क्या है?

Revenue deficit इस का नाम सुनके ही आप को पता लग गया होगा की आखिर ये Revenue deficit क्या है? सरकार की आमदनी में का Revenue बहुत बड़ा भूमिका रहता है. क्योंकि सरकार का सालाना Revenue collection बहुर बड़ा होता है. और अगर किसी साल Revenue collection उम्मीद से कम हो तो उस deficit को Revenue deficit कहा जाता है.

Fiscal deficit का Economy पर प्रभाव.

Indian economy और finance budget पर Fiscal deficit का एक महत्वपूर्ण भूमिका है. इसी लिए हर साल finance budget में इसको लेकर के बहुत चर्चे होता है. अगर हर साल fiscal deficit बढ़ता रहेगा तो सरकार को देश चलाने के लिए हर साल Loan लेना पड़ेगा. और उसके लिए Interest भी देना पड़ेगा. जिसका सिदा सिदा असर आम जनता पर होता है. क्योंकि अगर सरकार का खर्चा बढ़ जायेगा तो हमें Tax भी ज्यादा देना पड़ेगा, और सरकार से subsidy भी कम मिलेगा.

और GDP पर भी इसका असर होता है. जिसके लिए Inflation बढ़ने लगेगा और Share Market निचे गिरने लगेंगे. क्योंकि fiscal deficit से किसी भी country का financial condition कैसा है ये अनुमान लगाया जा सकता है. और इसके लिए बड़े investor जैसे FII, DII और FDI भी काम Invest करेंगे हमारे Market में. जिसका असर पड़ता है हमारे Share Market में.

आज हमने क्या नया सीखा?

दोस्तों, मै उम्मीद करता हु के आज की इस Topic What is fiscal deficit in Hindi? से जरूर आपको कुछ नया सिखने को मिला होगा. और आपको पसंद भी आया होगा. मेरा हमेशा ये कोशिश रहता है की किसी भी Topic को जितना हो details में आसानी के साथ बताने के लिए. तकि reader को अच्छा लगे, और दुसरे किसी जगह से ढूंढने को न पड़े.

अगर आप को What is fiscal deficit in Hindi? Fiscal deficit क्या है? Primary deficit क्या है? Revenue deficit क्या है? इसके आलावा और कुछ भी जानकारी चाहिए आप मुझे comment कर सकते हो. मैं पूरी कोशिश करूँगा आपको जानकारी देने के लिए.

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